– सरकारी प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत रसोईयों ने सौंपा ज्ञापन
– महज 2000 रू.प्रतिमाह के दर पर कार्यरत रसोईयो को छः माह से नही मिला वेतन
CCN/डिंडोरी ब्योरो रिपोर्ट
डिंडौरी/ सरकारी प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत रसोईयों के द्वारा जिला मुख्यालय में तीन दिवसीय प्रदर्षन करते हुए 10 सूत्रीय मांगो को लेकर सूबे के मुखिया के नाम पर ज्ञापन सौंपा गया है। जिले के स्कूलो में कार्यरत समस्त मध्यान्ह भोजन बनाने वाले रसोईया प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शाला रसोईया संघ के कार्यकताओं द्वारा 25 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक कलेक्ट्रेट परिषर के सामने 3 दिवसीय धरना प्रदर्शन एवं हडताल किया गया था। सीएम के नाम सौंपे गये ज्ञापन में उल्लेख है कि समस्त मध्यप्रदेश के प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शाला में खाना बनाने बाले रसोईयों के द्वारा कोरोना काल में स्कूलो में अध्ययनरत छात्र-छात्राओ को डोर टू डोर एम.डी.एम. सूखा चावल, सूखा राशन, खाद्य सुरक्षा, भत्ता अधिनियम अन्तर्गत प्रदान किया गया था। मध्यप्रदेश के नियम अनुसार कोरोना काल में घर- घर जाकर के लोगों को वैक्सीन लगवाने में भी रसोईयो के द्वारा सहयोग किया गया एवं राशन वितरण किया गया, किंतु सरकार के द्वारा उन्है विगत छः महीने से आज तक मानदेय वेतन नहीं दिया जा रहा है, कार्यकर्ताओं ने बताया गया कि समस्त मध्यान्ह भोजन रसोईयों को माह अप्रैल से अभी तक मानदेय नहीं दिया गया है,जिससे उनके सामने जीवन निर्वहन कठिन हो गया है।
ये है 10 सूत्रीय मांग
मध्यान्ह भोजन रसोईयों को विगत छः महीने से मानदेय नही दी जा रही है एवं यथावत रखे जाने मांग की है। उन्होंने बताया कि लगभग 20 साल से मध्यान्ह भोजन बना रहे है परन्तु अभी दर्ज संख्या कम होने पर कई रसोइयों को निकाला जा रहा है,जिसमें रोक लगाया जाए साथ ही कम से कम 20 हजार रू . मासिक पेमेंट दी जाए। समस्त रसोईया कोरोना काल में अपने जान को जोखिम में डालकर के कोविड -19 के दौरान सभी लोगों को ले जाकर के वैक्सीन लगवाया गया है। इसके अलावा समस्त रसोईया 10 बजे स्कूल खोलते है और 4 बजे तक स्कूल में रहकर के घर वापस आते है। उन्हौने मॉग की है कि रसोईयो के लिए पेंशन की व्यवस्था की जाये जिससे भविष्य सुरक्षित हो सके।