अदम्य साहस और वीरता की प्रतिमूर्ति वीरांगना रानी दुर्गावती एवं
आदिवासी राणा पूंजा भील की जयंती पर कांग्रेस सेवादल ने किए श्रद्धासुमन अर्पित
CCN-कॉर्न सिटी
छिन्दवाड़ा/.रू कांग्रेस सेवादल जिलाध्यक्ष सुरेश कपाले ने बताया कि आज सुबह 8ण्30 बजे रानी दुर्गावती खजरी चौक पर वीरांगना रानी दुर्गावती एवं राणा पूंजा भील की जयंती मनाई गई और रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रानी दुर्गावती अमर रहे एवं राजा पूंजा भील अमर रहे के नारे लगाए गए एवं कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रगान का गायन किया गया इस अवसर पर संबोधित करते हुये सेवादल अध्यक्ष सुरेश कपाले ने बताया कि रानी दुर्गावती बहुत ही बहादुर और साहसी महिला थींए जिन्होंने अपने पति की मृत्यु के बाद न केवल उनका राज्य संभालाए बल्कि राज्य की रक्षा के लिए कई लड़ाईयां भी लडीं। रानी दुर्गावती का जन्म 5 अक्टूबर सन 1524 को कालिंजर मे हुआ था तथा दुर्गाष्टमी पर जन्म लेने के कारण उनका नाम दुर्गावती रखा गया। रानी दुर्गावती अपने पति की मृत्यु के बाद गोंडवाना राज्य की उत्तराधिकारी बनीं और उन्होंने लगभग 15 साल तक गोंडवाना में शासन किया। वीरता की प्रतीक रानी दुर्गावती जी के सम्मान में 1983 में जबलपुर विश्वविद्यालय का नाम बदलकर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय कर दिया गया एवं इनके नाम एक डाक टिकिट भी जारी की गई । साथ ही आज ही आदिवासी महानायक राणा पूंजा भील को भी उनकी जयंती पर किया गया । इनके जीवन पर संबोधित करते हुये कपाले ने बताया कि राणा पूंजा भील मेवाड़ के एक भील योद्धा थे, जिन्होनें हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप का साथ दिया था, और युद्ध में उन्होनें अपनी संपूर्ण ताकत देश की रक्षा के लिये झोंक दी थी । आज के इस कार्यक्रम मे राघवेंद्र शाहए नरेश युवनातीए दिनेश डेहरिया, महेश गढेवालए लवकेश यादवए इशांसु प्रसाद ने प्रमुख रूप से रानी दुर्गावती की वीरता का बखान किया। इस अवसर पर कांग्रेस सेवादल के निम्न पदाधिकारी उपस्थित हुए जिसमे बालाराम परतेतीए शेषराव उईकेए पंचम अमरोदेए अजय नागपुरेए जुगनू धुर्वेए अखलेश पवारए दीपक घोरसेए कन्हैया सिंगोनियाए प्रवीण ठाकरेए इरफान मंसूरीए रंजना ठाकरेए किशोर भलावीए जयसिंग धुर्वेए अशोक बघेल आदि प्रमुख उपस्थित हुए।