चारों सोमवार बन रहे विशेष योग, शिव की पूजा करने पर पूरी होंगी मनोकामना

रविवार से सावन (Sawan 2021) के महीने की शुरूआत हो गई। वर्ष 2020 में लॉकडाउन के चलते मंदिरों में पूरे सावन पूजा—पाठ (Puja Vidhi) नहीं हो सका था, लेकिन इस बार मंदिरों के कपाट खुले होने के चलते भगवान शिव (Shiv Puja Vidhi) के भक्तों ने भगवान भोले के दर्शन किए और उनका अर्शिवाद भी लिया। हालांकि मंदिरों में कोरोना को देखते हुए विशेष इंतजाम किए गए थे। सावन के पहले दिन लोग भगवान भोले के दर्शन के लिए शिव मंदिर जा रहे हैं। दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में हुई भारी तबाही के बाद मंदिर समितियां भी फूंक-फूंककर कदम रख रही हैं। मंदिरों में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरा पालन कर सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को मंदिर में पूजा और जल अर्पण करने की अनुमति दी गई है।

भगवान शिव के अति प्रिय सावन मास इस बार 30 दिन का न होकर 29 दिनों का रहेगा। सावन मास का पहला सोमवार 26 जुलाई को है। सावन शिवरात्रि का पर्व 6 अगस्त को मनाया जाएगा। इसमें विशेष रूप से शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक का समय शाम 6:28 से शुरू होकर पूरी रात तक रहेगा। पंडित अनिल शास्त्री ने बताया कि खास बात यह है कि सावन महीने के चारों सोमवार पर विशेष शुभ योग बन रहे हैं।

उन्होंने बताया कि 26 जुलाई पहले सोमवार को सौभाग्य योग और शुभ योग, दूसरे सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग, तीसरे सोमवार को भगवान शिव की आराधना के लिए वरियान योग व अंतिम और चौथे सोमवार को धर्म योग व सर्वाथ सिद्धि योग होगा। श्रुद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए इन विशेष योग पर पूजन कर सकते हैं। 22 अगस्त को श्रावण मास समाप्त हो जाएगा।