छिंदवाड़ा के आलमोद का वाटरफाल और ग्वालगढ़ के शैल चित्र निहार सकेंगे सैलानी

पेंच पार्क की तरह तामिया से मिलेंगी पांच जिप्सी 15 अगस्त से होगी बिग पर्यटन की शुरुआत

छिंदवाड़ा. बारिश में प्राकृतिक सौंदर्य बिखेरता आलमोद का वाटरफाल हो या फिर सदियों पुरानी आदिवासी संस्कृति के प्रतीक ग्वालगढ़ के शैल चित्र। पर्यटक न केवल इन्हें करीब से निहार सकेंगे बल्कि स्थल और इतिहास से भी परिचित हो सकेंगे। आगामी 15 अगस्त से इको टूरिज्म बोर्ड, वन विभाग और प्रशासन की संयुक्त पहल पर तामिया में बिग पर्यटन की शुरुआत होगी। जिसमें टूरिस्ट को गाइड के साथ जिप्सी भी भ्रमण के लिए उपलब्ध होगी। इस दौरान पातालकोट समेत 26 पर्यटन स्थलों की सैर कराई जाएगी।
जिला मुख्यालय से 55 किमी दूर इको पर्यटन केन्द्र तामिया शुरुआत से ही अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है । मनमोहक वादियां अनायास ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है । इसे मप्र का मिनी पचमढ़ी भी कहा जाता है । यह न केवल प्राकृतिक सौन्दर्य अपितु धार्मिक एवं लोक जनजातियों के परम्परागत संस्कृति समेटे हैं। अभी तक पर्यटक कुछ खास स्थलों पर ही जा पाते थे। अब चिन्हित स्थलों की जानकारी प्राप्त कर भ्रमण कर प्राकृतिक सौन्दर्य का आनंद ले सकेगे।

इन पर्यटन स्थलों के होंगे दीदार

1.राजाखोह पातालकोट 2.कारेआम पातालकोट 3.रातेड़ 4.चिमटीपुर पातालकोट 5.देवखोह 6.अंखावाड़ी 7.बहेड़ा वन 8.तामिया से एक किमी दूर चीड़ वन 9. छोटा महादेव हर्बेरियम लाइकेन जोन बटर फ्लाई पार्क 10. वल्चर प्वाइंट छोटा महादेव 11.मंधान डेम 12. अनहोनी 13. सतधारा 14. झिंगरिया फाल 15. घटलिंगा, गुढ़ी छत्री वल्चर प्वाइंट 16.लोटादेव 17. पलारी गैलडुब्बा 18.तुलतुला पहाड़ व्यू प्वाइंट एवं नैना देवी मंदिर 19. ग्वालगढ़ पहाड़ी, जलाशय 20.ग्वालगढ़ पहाड़ी शैलचित्र 21.डूंडीशिखर 22. गोरखघाट 23. भूराभगत मंदिर और चौरागढ़ पहाड़ी व्यू प्वाइंट 24. आलमोद घोघरा फाल 25.कुकर पानी 26. गिरजाबाई मंदिर मुत्तौर।

आठ होटल में 162 पर्यटक-तामिया में पर्यटकों के ठहरने की दृष्टि से सरकारी रेस्ट हाउस, मोटल एमपी टूरिज्म समेत 8 होटल है। इनमें 81 कक्षों में एक साथ 162 पर्यटक रात्रि विश्राम कर सकेंगे।

मानसूनी सौंदर्य देखने पहुंचते हैं हजारों पर्यटक
तामिया की बारिश और पहाड़ी पर बननेवाले प्राकृतिक सौंदर्य का दृश्य देश-प्रदेश में प्रसिद्ध है। ऐसा लगता है कि बादल पहाड़ से गुजरते हो। इस मानसूनी सौंदर्य को देखने हर साल हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। अभी तक पर्यटकों को तामिया के अतिरिक्त कहीं कोई सुविधा नहीं थी।

देलाखारी में 19 युवाओं को तैयार किया बोर्ड ने

भोपाल से आए इको टूरिज्म प्रशिक्षक अखिलेश खरे और डॉ.सुदेश बाघमारे ने देलाखारी में डूंडीशिखर, तामिया और राजौरी के 19 युवाओं को प्रशिक्षित किया। इन्हें पर्यटकों के साथ व्यवहार, स्थानीय इतिहास और सभ्यता तथा लोक संस्कृति की जानकारी देने के बारे में बताया गया। ये प्रशिक्षक तामिया इनफारमेंशन सेंटर में पर्यटकों के आने पर उपलब्ध होंगे और अपने क्षेत्र में भ्रमण कराएंगे। इन्हें प्रति टूर 400 से 500 रुपए दिलाने की प्लानिंग बनाई गई है।

इनका कहना है..

तामिया के चिन्हित 26 पर्यटन स्थलों के भ्रमण के लिए 15 अगस्त से शुरुआत की जा रही है। इसके लिए गाइड और पांच जिप्सी उपलब्ध रहेगी। पर्यटक इन स्थलों पर पहुंचकर प्राकृतिक आनंद लेंगे वहीं इससे स्थानीय युवाओं के लिए पर्यटन रोजगार भी सृजित होगा। स्थानीय व्यंजनों का भी लोग लुत्फ उठा सकेंगे।
-आलोक पाठक, डीएफओ पश्चिम वन मण्डल छिंदवाड़ा।