रुपये के लालच में किया था बाघ का शिकार

धनवर्षा कराने के लालच में आरोपितों ने मादा बाघ की खाल छुपाकर रखी थी, पश्चिम वन मंडल की टीम ने झिरपा वन परिक्षेत्र के मीराकोट गांव के निवासी चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। सतपुड़ा टाइगर क्षेत्र के टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में ये बाघ की खाल वन विभाग की टीम ने जब्त की है।इसे लेकर चार आरोपितों के खिलाफ प्रकरण भी दर्ज किया।

छिंदवाड़ा:- धनवर्षा कराने के लालच में आरोपितों ने मादा बाघ की खाल छुपाकर रखी थी, पश्चिम वन मंडल की टीम ने झिरपा वन परिक्षेत्र के मीराकोट गांव के निवासी चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। सतपुड़ा टाइगर क्षेत्र के टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में ये बाघ की खाल वन विभाग की टीम ने जब्त की है। इसे लेकर चार आरोपितों के खिलाफ प्रकरण भी दर्ज किया गया है। साथ ही इस मामले में किसी और की संलिप्तता तो नहीं है, इस मामले की जांच भी विभाग कर रहा है। माना जा रहा है कि आरोपित धनवर्षा कराने के फेर में बाघ की खाल रखे थे, जाहिर है किसी तांत्रिक या पड़िहार से भी उनका संपर्क रहा होगा। पश्चिम वन मंडल के डीएफओ आलोक पाठक ने बताया कि वन विभाग की टीम ने आरोपित नारायण पिता लेखराम पचलिया, श्रीलाल पिता मोहन भारती, राजेश पिता मेहंगू भारत, हरिचंद पिता जगदीश ढाकरिया को गिरफ्तार किया है, जिसके बाद प्रकरण की विवेचना भी की जा रही है। श्री पाठक ने बताया कि 8 से 10 महीने पहले मादा बाघ का शिकार कर चमड़ा दांत, नाखून और खोपड़ी छुपाकर रखी थी। शिकार के बाद आरोपित तंत्र क्रिया कर पैसा कमाना चाह रहे थे। सीसीएफ केके भारद्वाज और आलेक पाठक को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोगों ने बाघ की खाल को छुपाकर रखा है। जिसके बाद सांवरी एसडीओ कीर्तिबाला गुप्ता को इस प्रकरण की जांच दी गई। जिसके बाद कीर्ति बाला गुप्ता ने पूरी प्लानिंग के साथ टीम बनाकर आरोपितों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की। इस कामयाबी में वन विभाग के लिंकर राठौर, मनोज मस्तकार, मंगल सिंह उइके, सौरभ सिंह चौहान, अरविंद टांडेकर, सतीश उेहरिया, धनकुमार चौधरी का मुख्य योगदान रहा है। आरोपित ऐसी जगह छुपे हुए थे, जहां वाहन जाना भी मुश्किल था, पैदल चलकर प्रशिक्षित कुत्ते की मदद से आरोपितों की गिरफ्तारी की गई । इस कार्य में डॉग हेंडलर अनूप कंसाना, मुकेश रैकवार का भी विशेष योगदान रहा।