जुन्नारदेव शिक्षा विभाग मे शिक्षकों की शिकायत होने पर प्रमोशन / सस्पेंड होने के बाद फिर से ले देकर बहाल
डेस्क न्यूज़। छिंदवाड़ा ,कॉर्न सिटी
जुन्नारदेव । जुन्नारदेव कहने को तो शाला को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है। परंतु जुन्नारदेव शिक्षा विभाग में सब कुछ चलता है शाला में उपस्थित रहो या ना रहो सरकार इनको पेमेंट दे रही है। और साथ ही अधिकारी भी चांदी काट रहे हैं। ले देकर मामले को निपटा दिया जाता है अमराई ढाना के गुरु जी राजकुमार चौरे जो कि लापरवाही के मामले में दो बार निलंबित हो चुके हैं विभाग द्वारा खाना पूर्ति के नाम पर कार्यवाही करके फिर से बहाल कर दिया जाता है । सप्ताह में एकदिन जाकर पूरे सप्ताह की उपस्थिति दर्ज कर देते हैं।जुन्नारदेव शिक्षा विभाग के अंतर्गत कई ऐसे शालाये हैं जहां शिक्षक संयय पर नहीं पहुचते क्योंकि इनके ऊपर बड़े बाबुओ का हाथ रहता हैं। सैलरी भी बन रही हैं और बाबुओ की जेब भी गर्म हो रही है।
जुन्नारदेव के लगभग हर संकुल का यही हाल है सब अपनी मनमर्ज़ी के मुताबिक शाला में जाते हैं और चले आते हैं। यहां सिकायत पर कार्यवाही नहीं होती बल्कि प्रमोशन दिया जाता है। जुन्नारदेव विकाशखण्ड मे संचालित 142 माध्यमिक और 390 शालाये मे से 82 शालाओं मे शिक्षको की संख्या शून्य है। पालाचौरई , जुन्नारदेव ,हनोतिया ,नंदन घाना उमरी ,संकुल की कई शालाये शिक्षक विहीन हैं यहां सिर्फ अतिथि शिक्षकों के भरोसे शालाये संचालित हो रही हैं। घाना उमरी मे 365 बच्चें हैं परंतु यहां सिर्फ एक शासकीय शिक्षक हैं बाकी सब अतिथियों के द्वारा शालाये संचालित की जा रही हैं।वही घाना उमरी संकुल के समीप शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला निमोटी में भी मात्र 140 से 145 के लगभग बच्चे हैं यहां भी एक शासकीय शिक्षक हैं और 140 बच्चो को पढ़ाने के लिए 14 अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई है। जिनकी योग्यता भी अतिथि शिक्षक लायक नहीं है। आखिर कब सुधार होगा शिक्षा के मंदिर का या ऐसे ही बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जाएगा। ...साभार रिपोर्ट