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परासिया वेस्टर्न कोल्डफील्ड के 325 हेक्टेयर अनुपयोगी क्षेत्र में बीते 70-80 वर्षों से निवास कर रहे लोगों को घरों से बेदखल किए जाने की कार्रवाई जारी है।
छिंदवाड़ा – परासिया वेस्टर्न कोल्डफील्ड के 325 हेक्टेयर अनुपयोगी क्षेत्र में बीते 70-80 वर्षों से निवास कर रहे लोगों को घरों से बेदखल किए जाने की कार्रवाई जारी है। इस मामले को छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ ने संज्ञान में लिया है। उन्होंने इस भूमि पर निवासरत आमजनों को सरकार द्वारा पट्टा दिए जाने की बात कही है।
मप्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के समक्ष भी यह बात उठाई गई थी और प्रस्ताव रखा गया था कि डब्ल्यूसीएल लीज समाप्त कर कब्जेधारियों को पट्टा वितरित करें। सरकार बदलने के बाद वर्तमान प्रदेश सरकार ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया और लीज वाली जमीन से लोगों को हटाने की कार्रवाई की जा रही है। सांसद ने वेकोलि महाप्रबंधक द्वारा परासिया एस.डी.एम द्वारा की जा रही कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि परासिया विधानसभा क्षेत्र का बहुत बड़ा भूमि क्षेत्र वेकोलि में आता है परन्तु यहां कुछ स्थानों पर ही कोयला खदान संचालित है। अनुपयोगी जमीन पर निवासरत ग्रामीणों एवं नगरीय क्षेत्र के हजारों लोगों को बेदखल करना अनुचित है। सांसद नकुलनाथ इस प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए जनहित की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर अपने आपको मजदूरों का हितैषी कहने वाली भाजपा की अनुसांगिक संस्था बी.एम.एस इस बेदखली का समर्थन कर रही है।
गौरतलब है कि उक्त सम्पूर्ण घटनाक्रम के संदर्भ में क्षेत्रीय विधायक सोहनलाल बाल्मिक ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व वेकोलि महाप्रबंधक को ज्ञापन भी प्रस्तुत किया है। प्रस्तुत ज्ञापन में बाल्मिक ने मुख्यमंत्री को यह स्मरण कराया है कि उन्होंने स्वयं घोषणा की थी कि सभी अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाएगा तथा वर्षों से वनभूमि में निवासरत व्यक्तियों को उनका अधिकार देते हुए उन्हें पट्टा दिया जावेगा। फिर राज्य सरकार का वेकोलि की भूमि पर निवासरत नागरिकों के साथ भेदभाव क्यों।