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June 18, 2025
भारतीय बौद्ध महासभा द्वारा मनाया 65वां धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस
छिंदवाड़ा

भारतीय बौद्ध महासभा द्वारा मनाया 65वां धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस

CCN
Oct 16, 2021

 

तथागत भगवान बुद्ध के विचार पर चलकर आतंकवाद की समाप्ति एड रमेश लोखंड

CCN/डेस्क

छिंदवाड़ा डॉ बाबासाहेब अंबेडकर जी द्वारा 16 अक्टूबर 1956 को चंद्रपुर की द्वितीय दीक्षा भूमि पर तीन लाख अनुयायियों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दिलाई थी 65वें धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस समारोह का आयोजन चंदननगर वार्ड क्रमांक 36 में किया गया समारोह का संचालन भारतीय बौद्ध महासभा जिला सचिव एड राजेश सांगोडे द्वारा किया गया । सर्वप्रथम तथागत भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं संविधान निर्माता डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कार्यक्रम अध्यक्ष प्रदेश सचिव एड रमेश लोखंडे राष्ट्रीय मजदूर सेना नगर अध्यक्ष अनिल गजभिए समाजसेवक गयाप्रसाद बंजारा संतोषी गजभिए जिला अध्यक्ष दलित मुक्ति सेना महिला प्रकोष्ट,ममता लोखंडे, रामभरोस चौहान संजय लाडोकर टीकम शाह उइके जीवन शाह उईके शिवपाल उईके ममता लोखंडे बसंती इनवाती सहित कई उपासक उपासिका एवं भीम सैनिकों द्वारा माल्यार्पण किया इस अवसर पर सामूहिक बुद्ध वंदना की धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस समरोह को संबोधित करते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष प्रदेश सचिव रमेश लोखंडे द्वारा कहा कि डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी द्वारा 14 अक्टूबर 1956 को विजयादशमी के अवसर पर नागपुर की पवित्र दीक्षाभूमि पर हिंदू धर्म त्याग कर पाँच लाख अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली गई थी वह विश्व का सबसे बड़ा धर्मांतरण था तथा 16 अक्टूबर 1956 को महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में तीन लाख अनुयायियों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दिला कर जातिवाद भाषावाद एवं क्षेत्रवाद को समाप्त कर मानवतावाद को विकसित करने का मूल मंत्र देते हुए युद्ध को छोड़कर बुद्ध की ओर चलने का संदेश नागपुर की ऐतिहासिक पवित्र दीक्षाभूमि एवं चंद्रपुर की द्वितीय दीक्षाभूमि से संपूर्ण विश्व को दिया इसलिए तथागत भगवान बुद्ध एवं डॉ बाबासाहेब अंबेडकर जी के विचारों पर चलकर विश्व से आतंकवाद को समाप्त कर विश्व शांति स्थापित किए जाने का देशवासियों को आव्हान किया भगवान बुद्ध के काल में दो हजार वर्ष बौद्ध शासकों का राज रहा नेल्सन मंडेला ने कहा था कि बाबा साहब द्वारा दिया गया संविधान आदर्श संविधान है एक व्यक्ति एक वोट एक ही मूल्य यह बाबा साहब की देन बताया सरकार किसी भी पार्टी की हो लेकिन संविधान को साक्षी मानकर शपथ लेते हैं इसलिए भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक संविधान है हमें उनके आदर्शों पर चलने की आवश्यकता बताई ।