पूर्ण उत्साह के साथ नगर में निकला बच्चों का संचलन
जगह-जगह पुष्प वर्षा, आतिशबाजी के माध्यम से हुआ बाल संचालन का स्वागत
Chhindwara update:संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, छिंदवाड़ा नगर द्वारा पोला ग्राउंड (दशहरा मैदान) में नगर स्तर पर बाल स्वयंसेवकों के विशाल पथ संचलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 236 बाल स्वयंसेवकों ने अनुशासित एवं प्रभावी पथ संचलन किया। संचलन पोला ग्राउंड ( दशहरा )मैदान से प्रारंभ होकर पंकज प्लाजा,छत्रपति शिवाजी चौक, जिला अस्पताल, अनगढ़ हनुमान मंदिर,फव्वारा चौक, कोतवाली होते हुए पुनः पोला ग्राउंड (दशहरा मैदान) में आकर संपन्न हुआ। सामाजिक नागरिकों,व्यापारियों व विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा संचलन में शामिल बाल स्वयंसेवकों का विशाल मानव श्रृंखला बनाकर, पुष्प वर्षा, आतिशबाजी व देशभक्ति नारों के साथ संचलन का स्वागत किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में छिंदवाड़ा विभाग के बौद्धिक प्रमुख देवेंद्र अमूल पवार उद्बोधन हुआ।उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा की बाल स्वयंसेवक की संघ की प्राणवायु है जो देश और समाज के प्रति समर्पित रहते हैं बचपन से ही संघ की शाखा से जुड़ने वाले स्वयंसेवक देशहित की भावना से ओत प्रोत होकर अजीवन राष्ट्र सेवा करते हैं उन्होंने कहा कि 100 वर्ष से निरंतर देश हित के लिए कार्य करने वाले स्वयंसेवकों का निर्माण का आधार बाल स्वयंसेवक ही हैं उनमे राष्ट्र प्रथम की भावना से निरंतर सेवा कार्य कर रहा है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यह शताब्दी वर्ष पूर्ण उत्साह के साथ पूरे देश में मनाया जा रहा है उन्होंने कहा की संघ पंच परिवर्तन कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, नागरिक शिष्टाचार, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी के महत्व तथा अनुशासन पर प्रेरक विचार रखे। उन्होंने आगे डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के बाल्यकाल का अत्यंत प्रेरक चित्रण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल 1889 को जन्मे इस बालक ने अल्पायु में ही माता-पिता को खो दिया, परंतु कठिन परिस्थितियों में भी राष्ट्रप्रेम और देशभक्ति की भावना को सर्वोपरि रखा। बाल काल में हेडगेवार ने 8 वर्ष की आयु में मिठाई को इसलिए फेंक दिया कि वह मिठाई भारत की पराधीनता के प्रतीक रानी विक्टोरिया के राज्याभिषेक दिवस की थी। यही बालक आगे चलकर सीताबर्डी किले पर लहराते यूनियन जैक को देखकर तड़प उठा और बाल क्रांतिकारी साथियों के साथ उसे उतार फेंकने की योजना बनाई। यही बालक आगे चलकर कलकत्ता से पढ़ाई कर डॉक्टर बनकर लौटता है और राष्ट्र और समाज की दशा देखकर समाज के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर देता है। आगे जाकर उसी बालक ने विजयादशमी 1925 को कुछ स्वयंसेवकों के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की आज वही संघ शताब्दी महोत्सव मना रहा है
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ छिंदवाड़ा के माननीय विभाग संघचालक भजनलाल चोपड़े ,नगर कार्यवाह धनंजय यादव सहित अन्य स्वयंसेवक, सामाजिक कार्यकर्ता, मातृशक्तिया भी उपस्थित रही ।