आदिवासी बालक आश्रम सिल्लेवानी में लापरवाही का आलम**— *अधीक्षक निरंतर अनुपस्थित, चपरासी के भरोसे चल रहा आश्रम
Chhindwara update:।जिले के आदिवासी बालक आश्रम सिल्लेवानी में जिम्मेदारियों की घोर उपेक्षा का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार आश्रम के अधीक्षक घुड़ेशाह युइके निरंतर आश्रम से अनुपस्थित रहते हैं। आश्रम का समूचा संचालन फिलहाल एक चपरासी के भरोसे चल रहा है।
सूत्रों के अनुसार अधीक्षक महोदय प्रतिदिन रजिस्टर में हस्ताक्षर कर केवल औपचारिकता निभाते हैं और उसके बाद आश्रम से चले जाते हैं। कई बार मीडिया कर्मियों द्वारा संपर्क करने की कोशिश की गई, परंतु अधीक्षक महोदय ने फोन कॉल तक अटेंड नहीं किया।
हाल ही में जिले में 16 से 17 बच्चों की मृत्यु कफ सिरप प्रकरण में हो चुकी है, जिसकी जिम्मेदारी अब तक किसी ने नहीं ली। इसके बावजूद संबंधित विभागों में उत्तरदायित्व और अनुशासन का अभाव साफ दिखाई दे रहा है।
आश्रम में नन्हे-मुन्ने बच्चों की देखभाल, सुरक्षा और शिक्षा की जिम्मेदारी जिस अधीक्षक पर है, वही अपनी ड्यूटी से लापरवाह बना हुआ है। जब पालकजन अपने बच्चों से मिलने आश्रम पहुंचे, उन्होंने भी बताया कि “अधीक्षक महोदय कभी आश्रम में दिखाई नहीं देते।”
यह स्थिति तब और भी गंभीर हो जाती है जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के जिले में दौरे के बाद भी ऐसे अधिकारी अपनी मनमानी और गैर-जिम्मेदारी से बाज नहीं आ रहे।
अब यह देखना होगा कि प्रशासन एवं सहायक आयुक्त इस गंभीर लापरवाही पर क्या संज्ञान लेते हैं और क्या ऐसे अधीक्षक पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है या नहीं।
*संवाददाता शुभम सहारे छिंदवाड़ा*