सोशल मीडिया पर कांग्रेस और भाजपा द्वारा वायरल की गई तस्वीरें बयां करती हैं कि आपदा में अवसर तलाशने में राजनेता किसी से भी पीछे नहीं हैं।

भोपाल:- मध्यप्रदेश का ग्वालियर चम्बल संभाग इस समय बाढ़ की आपदा से जूझ रहा है, बाढ़ पीड़ित सिर  छिपाने, पेट भरने और तन पर कपड़े के लिए परेशान है, हजारों लोगों का सबकुछ उजड़ गया है, मुख्यमंत्री से लेकर सरकार के मंत्री ग्रामीणों के बीच जाकर उनके दुःख दर्द को कम करने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन इस सबके बीच सोशल मीडिया पर काजू बादाम पर भी सियासत छिड़ गई है। शुक्रवार को सोशल मीडिया पर कांग्रेस ने कुछ तस्वीरें शेयर को तो आज भाजपा ने तस्वीरें शेयर कर उसपर पलटवार कर दिया।

राजनेता राजनीति ना करें ऐसा संभव नहीं है, अवसर कैसा भी हो इन्हें तो अवसर की तलाश रहती हैं , मौके मिलते ही राजनेता एक दूसरे पर राजनीतिक तीर छोड़ने से नहीं चूकते। ये समय तो सोशल मीडिया का समय है इसमें तो बहुत ज्यादा समय और मेहनत नहीं लगती, कुछ ही सेकंड में सबकुछ वायरल हो जाता है। इस समय ग्वालियर  चम्बल संभाग के बाढ़ प्रभावित जिलों की बदहाली की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं। इसमें बाढ़ की विभीषिका से उजड़े गांव, टूटे और बहते पुल, उखड़ी सड़कें, परेशान होते लोग दिखाई दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल इन वीडियो के बीच कांग्रेस ने शुक्रवार को सरकार के दो मंत्रियों और कुछ अधिकारियों की तस्वीरें शेयर की।  कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा ने जो तस्वीरें शेयर करते हुए कहा कि आपदा में अवसर और महोत्सव में रूचि रखने वाली राज्य सरकार जहां प्रभावितों को राहत दिये जाने के नाम पर फिसड्डी साबित होकर प्रचारवादी भूख मिटाने में लगी हुई है, वहीं प्रभारी मंत्रीगण जहां रेस्ट हाऊस में पिकनिक मना रहे हैं और अधिकारी बचाव दल की बोट में जलक्रीड़ा का आनंद उत्सव मना रहे हैं। इससे साबित होता है कि सरकार और प्रशासन बाढ़ के हालातों से कितनी गंभीरता से निपट रहा है?श्री मिश्रा ने उक्त आरोपों को प्रमाणिक तौर पर सार्वजनिक करते हुए वीडियो और तस्वीरें भी जारी की हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित ग्वालियर-चंबल के पोहरी, श्योपुर, शिवपुरी और जौरा में सबसे ज्यादा जन-धन की हानि हुई है। पोहरी में तो चार दिन पहले पानी में बहने से दो लोग लापता हो गये, उनमें से तिमाउनी निवासी पहलवान यादव की लाश मिल गई, किंतु जामखो निवासी परमाल पिता चरनू प्रजापति का अभी तक कोई पता नहीं चला। यहां के स्थानीय विधायक व लोकनिर्माण राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा और ग्वालियर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट मड़ीखेड़ा सर्किट हाउस में ड्राय फ्रूट्स और फलों का सेवन कर पिकनिक मना रहे हैं। वहीं भिण्ड में आपदा प्रबंधन में लगी बोट पर एसडीएम, एसडीओपी व अन्य अधिकारी हाथ हिलाकर ठहाके लगाते हुए और जलक्रीड़ा कर अपना वीडियो बना रहे हैं! जो बेघर हो चुके भूख और प्यास से तड़फ रहे बाढ़ पीड़ितों के गंभीर जख्मों पर नमक छिड़कर उन्हें घोर अपमानिक करने का स्पष्ट प्रमाण है।कांग्रेस ने सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों पर निशाना साधा तो भाजपा मौके की तलाश में थी और अगले ही दिन आज शनिवार को भाजपा को वो अवसर मिला गया।  पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व मंत्री गोविन्द सिंह के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हवाई दौरे पर गए इसकी तस्वीरें वायरल हुई तो भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ हितेश वाजपेयी ने ये तस्वीरें ट्विटर सहित सोशल मीडिया पर साझा करते हुए कमलनाथ के बगल में काजू बादाम को है लाइट करते हुए तंज कसा।  डॉ हितेश वाजपेयी ने ट्वीट किया – विदेशी काजू, विदेशी बादाम और विदेशी हेलीकाप्टर में “देश के दर्द” को “पर्यटन” के रूप में मनाते हमारे “प्रवासी-नेता प्रतिपक्ष” कमलनाथ! लाल घेरे में “चखणा” जरूर देखना, भले ही बाढ़ पीडित नीचे से “भूखे-प्यासे” इन्हें उम्मीद से देख रहे हों !

By Corn City

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