मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में महापौर की सीट एसटी है जिसे पाने के लिए छिंदवाड़ा जिले के हर राजनीति दल अपने – अपने नेता उतारने के लिए बेताब है। ऐसे में भाजपा ने भी लगभग सरकारी कर्मचारी के हाथ में महापौर की टिकट देना तय कर लिया है ।देखना यह है कि सरकारी कर्मचारी नगर निगम छिंदवाड़ा के बड़े पद पर पदस्थ हैं ऐसे में सरकारी पद भी ना चला जाए और महापौर की सीट भी हाथ से चली जाए ।
भाजपा में वैसे तो टिकट संगठन तय करता है की किसे टिकट देना है और किसे नहीं ,हो सकता है सरकारी कर्मचारी इतने दिनों से नगर निगम के बड़े पद पर बैठे हैं तो शायद कुछ अच्छा कर सकते हैं। यही सोच कर भाजपा शायद सरकारी कर्मचारी को टिकट दे सकती है अब देखना यह है कि भाजपा में और भी कार्यकर्ता है जो जमीनी स्तर पर कार्य करते आ रहे हैं ,और हमेशा पार्टी के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं ।
…क्या भाजपा में भाजपा कार्यकर्ता नहीं बचे ?
…क्या कारण है नगर निगम के सरकारी अफसर को महापौर का टिकट दे रही हैं भाजपा??
…या फिर भाजपा में टिकट ,संगठन के द्वार तय ना करते हुए? भाजपा स्वयं ही तय करने लगी है।
सूत्रों की माने तो भाजपा में महापौर की टिकट के लिए सब अपना अपना दम दिखा रहे हैं ।अब देखना यह होगा कि महापौर की टिकट किसे प्राप्त होती है।
वैसे तो भाजपा में अनंत (अंतू )धुर्वे नगर निगम में पदस्थ होते हुए महापौर की सीट का सपना देख रहे हैं ,कहीं ऐसा ना हो जाए कि नगर निगम का बड़ा पद भी हाथ से चला जाए, और महापौर की कुर्सी भी, ऐसे में अंतू धुर्वे कहीं के नहीं रह जाएंगे….सोशल मिडिया रिपोर्ट