प्रदेश भर में लोग हो रहे परेशान, कुल 1.59 करोड़ हैं उपभोक्ता
भोपाल- मध्यप्रदेश में बिजली विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के मोबाइल बंद हैं। बिजली विभाग का पूरा अमला अपने मोबाइल स्विच आफ करके बैठा है. इससे प्रदेश भर मे लोग परेशान हो रहे हैं. मध्यप्रदेश में कुल 1.59 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं। दरअसल प्रदेश के बिजली कर्मचारी आज हड़ताल पर हैं। केंद्र सरकार के प्रस्तावित इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल के विरोध में यह हड़ताल की जा रही है.
यूनाइटेड फोरम के तत्वावधान में बिजली अमले द्वारा यह हड़ताल रखी गई है। नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर हुई हड़ताल में प्रदेश के सभी बिजली अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। इससे पहले बिजली कर्मचारी—अधिकारी इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल के विरोध और 15 सूत्रीय मांगों के समर्थन में 2 से 5 अगस्त तक काली पट्टी लगा कर काम कर चुके हैं।
मंगलवार को प्रदेश भर के बिजलीकर्मी हड़ताल पर हैं। इस एक दिवसीय हड़ताल के बाद भी
बिजली कर्मी इसी माह दूसरी बार हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे चुके हैं। अपनी मांगे नहीं माने और Electricity Amendment Bill के विरोध में 24 अगस्त से 26 अगस्त तक कार्य बहिष्कार की बात कही गई है. इस तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार के बाद 6 सितंबर से अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया है।
बिजली कर्मचारियों अधिकारियों का कहना है कि अपनी जायज मांगों की भी उपेक्षा से बिजली कर्मियों में आक्रोश गहरा गया है। इसी के साथ Electricity Amendment Bill का भी विरोध है. इस बिल के द्वारा सरकार बिजली वितरण का निजीकरण करने जा रही है. इससे किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं का खासा नुकसान होगा. निजी कम्पनियां मुनाफा कमाने के लिए केवल औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को ही बिजली देंगी। हालांकि आज हड़ताल के बाद भी इमरजेंसी सेवाएं चालू रखने की दावा किया जा रहा है. बिजली सब स्टेशन ड्यूटी के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल नहीं होंगे. इस समय विभाग में 25 हजार नियमित कर्मचारी, 6 हजार संविदा कर्मचारी और 35 हजार बिजली आउटसोर्स कर्मचारी शामिल हैं. 10 अगस्त की हड़ताल के पहले बिजली कर्मचारियों ने दिल्ली में श्रम शक्ति भवन पर सत्याग्रह भी किया था.