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बंबई उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है, जिसमें PM Cares फंड से पीएम शब्द को हटाने की अपील की गई है। हाईकोर्ट ने इस पर केंद्र से जवाब दाखिल करने को कहा है।
नई दिल्ली – कोरोना महामारी के दौरान प्रभावित लोगों को मदद देने के उद्देश्य से एक फंड बनाया गया था, जिसे ‘PM Cares’ फंड नाम दिया गया। लेकिन अब बंबई उच्च न्यायलय में एक याचिका दाखिल की गई है। जिसमें इस फंड से पीएम शब्द हटाने की अपील की है। वहीं हाईकोर्ट ने इस विषय पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
विक्रांत चव्हाण ने दाखिल की जनहित याचिका
जानकारी के मुताबिक यह जनहित याचिका कांग्रेस पार्टी के सदस्य विक्रांत चव्हाण ने दाखिल की है। जिसमें इस फंड से पीएम शब्द को हटाने की अपील की गई है। इसके साथ ही ‘PM Cares’ फंड की आधिकारिक वेबसाइट पर भी कई बदलाव करने का अनुरोध किया गया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि वेबसाइट से प्रधानमंत्री की तस्वीर, राष्ट्रीय ध्वज और भारत के प्रतीक वाली तस्वीरें हटा दी जाएं।
केंद्र से मांगा है जवाब
इसके लिए याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि यह भारतीय संविधान और प्रतीक तथा नाम का उल्लंघन है। बता दें कि न्यायमूर्ति ए ए सईद और न्यायमूर्ति एस जी दिगे की खंडपीठ इस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। उन्होंने इस मामले में केंद्र से 25 अक्टूबर तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
गौरतलब है कि फरवरी 2020 में देश में कोरोना के मामले सामने आने लगे थे। इसके बाद मार्च तक स्थिति बिगड़ने लगी। इस दौरान 27 मार्च 2020 को ‘PM Cares’ फंड की स्थापना की गई। जिसका उद्देश्य जरूरतमंदों की मदद करना है। वहीं इस फंड को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है।