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June 17, 2025
युवा चेतना शिविर एवं देवसंस्कृति गुरुकुल का शुभारंभ की तैयारी जोरों पर
छिंदवाड़ा

युवा चेतना शिविर एवं देवसंस्कृति गुरुकुल का शुभारंभ की तैयारी जोरों पर

CCN
Mar 19, 2022

युवा के प्रेरणा स्त्रोत्र देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति  डॉ चिन्मय पंड्या जी का होगा आगमन

अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में त्रिदिवसीय युवा चेतना शिविर एवं देवसंस्कृति गुरुकुल शुभारंभ के आयोजन 22,23 एवं 24 मार्च 22 को आयोजन हेतु समीक्षा एवं आयोजन को सफल बनाने हेतु गोष्टि का आयोजन किया गया जिसमे शांतिकुंज हरिद्वार प्रतिनिधि श्रीं सूरत सिंह अमृत्ते जिला साधना अभियान प्रभारी नरेन्द्र हिंगवे ,युवा प्रकोष्ठ प्रभारी अटल खुर्वे,जिला मीडिया एवं गृहे –गृहे गायत्री यज्ञ उपासना प्रभारी अरुण पराड़कर सावरी गायत्री परिवार से रामदास पवार ऋषि सोनी नीरज सूर्यवंशी जय राम जी संतोष कड़वे गुलाब सूर्यवंशी गुलाब पराड़कर मदन लाल जी शिक्षक राकेश पाठक अमर सिंह पटवारी दयाराम जी विश्वकर्मा रवि कोडले देवा जी कोडले सुरेश भादे सहित क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में संपन्न हुई।

इस अवसर पर 22 मार्च दिन मंगलवार को 12 बजे विभिन्न ग्रामों से मंगल कलश यात्रा कार्यक्रम स्थल पहुंचेगी जिसके पश्चात कार्यकम का प्रशिक्षणार्थी युवा संकल्प अनुव्रत के पश्चात भोजन प्रसाद ,संध्या 08 से 10 बजे तक युवाओं के व्यक्तित्व को जगाने हेतु कार्यशाला विश्राम ,द्वितीय दिवस 23 मार्च दिन बुधवार को प्रातः 5 बजे ध्यान योग प्राणायाम ,9 बजे से युवाओं का प्रशिक्षण 10 बजे देवसंस्कृति विश्वविध्यालय शांतिकुंज हरिद्वार के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पंड्या जी द्वारा मार्गदर्शन पश्चात 2 बजे से प्रशिक्षण संध्या दीपयज्ञ पश्चात विश्राम 24 मार्च दिन गुरुवार को प्रातः ध्यान योग प्राणायाम 09 बजे से व्यक्तित्व विकास पर मार्गदर्शन पश्चात बिदाई संपन्न होगी।

इस अवसर पर शांतिकुंज हरिद्वार प्रतिनिधि श्री अमृते जी द्वारा बताया की किसी भी कार्य को करने हेतु समय दान एवं अंशदान आज की महती आवश्यकता है जिससे कार्यक्रम को सफलता तक पहुंचाया जा सकता है ।साधना अभियान प्रभारी श्री नरेद्र हिंग्वे जी द्वारा सभी अनिवार्य कार्य को समिति टोली बनाकर करने पर जानकारी दी इसी के साथ कार्यक्रम समिति के प्रमूख रामदास पवार जी द्वारा कार्यक्रम में तन मन धन से सहयोग करने हेतु आवाह्न किया एवं अंत में शांतिपाठ कर गोष्टी का समापन हुआ।