अधर्म की पत्नी हिंसा हुई, उन दोनों………….
अधर्म की पत्नी हिंसा हुई, उन दोनों से अमृत नामक पुत्र और निकृति नामवाली कन्या की उत्पत्ति हुई। उन दोनों ने परस्पर विवाह किया और भय व नरक का जन्म हुआ क्रमश: माया और वेदना इनकी पत्नियाँ हुई। इनमें माया ने भय के
अग्निदेव कहते हैं-…. …..देवताओं और असुरों में घोर संग्राम हुआ।
अग्निदेव कहते हैं- वशिष्ठ! पूर्वकाल में देवताओं और असुरों में घोर संग्राम हुआ। उसमें दैत्यों ने देवताओं को परास्त कर दिया। तब देवता लोग त्राहित्राहि पुकारते हुए भगवान विष्णु की शरण में गये। भगवान गायामोहमय रूप में आकर राजा शुद्धोदन के पुत्र हुए।
