अधर्म की पत्नी हिंसा हुई, उन दोनों से अमृत नामक पुत्र और निकृति नामवाली कन्या की उत्पत्ति हुई। उन दोनों ने परस्पर विवाह किया और भय व नरक का जन्म हुआ क्रमश: माया और वेदना इनकी पत्नियाँ हुई। इनमें माया ने भय के सम्पर्क से समस्त प्राणियों के प्राण लेने वाले मृत्यु को जन्म दिया
और वेदना ने नरक के संयोग से दुःख नामक पुत्र उत्पन्न किया। इसके पश्चात मृत्यु से व्याधि, जरा, शोक, तृष्णा और क्रोध की उत्पत्ति हुई।
The Swar Vigyan
Contact to
Shri Tattva-vetta Paramansa ji
WhatsApp-
https://wa.me/message/PE47B6RMJ2CPP1
For online course details-
For daily detailed prediction and graph-
YouTube:-
https://youtube.com/c/TattvavettaParamhansaji1
My books on Amazon-
https://www.amazon.com/-/e/B088FG3992
My book “Dhan Sagar” Hindi on Google book play store-
https://play.google.com/store/books/details?id=UrbuDwAAQBAJ
Email :- Tattwavetta@gmail.com