CCN/डिंडोरी /ब्योरो चन्द्रिका यादव
डिंडोरी/डिंडोरी जिले आदिवासी बहुल क्षेत्र माना जाता है जो आज भी परंपरा अनुसार छोटे-छोटे बच्चे छेरछेरता मांग रहे ग्रामीण क्षेत्र में चली आ रही पुरानी परंपरा अनुसार माघी पूर्णिमा के दिन ग्रामीण बच्चे अभी भी घर घर जाकर छेरछेरता कोठी के धान हेरता जैसे गीत गाकर दाल चावल मांगते हैं और दोपहर में उसी अनाज को नदी किनारे ले जाकर भोजन बनाकर भोजन ग्रहण करते हैं जिससे मान्यता है कि क्षेत्र में सुख समृद्धि एवं संपन्न बनी रहती है यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और शायद चलता ही रहेगा बच्चों के चेहरों में खुशी का माहौल देखा जा रहा है