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युवाओं को मंच उपलब्ध कराने और उनकी प्रतिभाओं को निखारने हेतु प्रतिवर्ष युवा उत्सव का आयोजन किया जाता है। इसी तारतम्य में शासकीय महाविद्यालय तामिया में महाविद्यालयीन स्तर पर युवा उत्सव का आगाज प्राचार्य डॉ. महेंद्र गिरि एवं प्राध्यापकों की गरिमामय उपस्थिति में सरस्वती पूजन एवं वंदना के साथ हुआ।
युवा उत्सव के प्रथम दिवस में साहित्यिक एवं रूपांकन पक्ष की विद्याओं के अंतर्गत रंगोली, भाषण, वाद-विवाद, प्रश्नमंच, कोलाज व चित्रकला की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसमें युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्राचार्य डॉ. गिरि ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह मंच आप लोगों का है, इसका लाभ उठाएं एवं अपनी प्रतिभा को सबके समक्ष लाएं। ऐसे मंच आपकी दिशा और दशा को परिवर्तित करने का माध्यम बनते हैं।
प्रथम चरण में रंगोली प्रतियोगिता में छात्राओं के साथ-साथ छात्रों ने भी प्रांगण में आकर्षक रंगोली बनाकर अपनी कला को प्रस्तुत किया। इसमें प्रथम स्थान पर शालिनी इरपाची, द्वितीय कृष्णा मर्सकोले एवं तृतीय स्थान पर झंकार साहू एवं सुमरलाल भारती रहे। निर्णायक की भूमिका प्रो. मालती बनारसे, प्रो. निरंजन सिंह राजपूत एवं डॉ. निर्भय सिंह डोडवे ने निभाई।
द्वितीय चरण में वाद-विवाद प्रतियोगिता के पक्ष में प्रथम स्थान पर सपना धुर्वे, द्वितीय शोभा बरकड़े तथा तृतीय स्थान पर सपना बारसिया रही। विपक्ष में प्रथम राजकुमार भारती, द्वितीय सोनू परतेती एवं तृतीय स्थान विवेक भारती ने प्राप्त किया। इस कार्यक्रम का संचालन प्रो. निरंजन सिंह राजपूत ने किया। तृतीय चरण में प्रश्नमंच प्रतियोगिता का संचालन प्रो.विजय सिंह सिरसाम एवं प्रो.पवन महलवंशी ने किया तथा निर्णायक की भूमिका प्रो.नवीन यादव ने निभाई। इसमें प्रथम स्थान लक्ष्मी उइके एवं जतिन नायक तथा द्वितीय स्थान सपना बारसिया एवं मनीष नागवंशी ने प्राप्त किया।
कार्यक्रम के दौरान प्रो.मालती बनारसे, प्रो. जसवंत सिंह जयंत, प्रो. विजय सिरसाम, प्रो. पवन महलवंशी एवं युवा उत्सव प्रभारी प्रो. नवीन यादव ने विद्यार्थियों को सम्बोधित कर उनका उत्साहवर्धन किया।कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. एस.पी बिनाकिया, डॉ. दिनेश ढाकरिया, प्रो.शिवप्रसाद डेहरिया, रीता भारती, लोखंडे बाबू, सुरेश भारती, उईके बाबू, वेदप्रकाश सरवैया व नारायण नागोद्र सहित समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे।