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अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में शुक्रवार को निजी स्कूल संचालकों की बैठक हुई। बैठक में निजी स्कूल के संचालकों को उनकी जिम्मेदारी से एक बार फिर अवगत कराया गया।
छिंदवाड़ा:- अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में शुक्रवार को निजी स्कूल संचालकों की बैठक हुई। बैठक में निजी स्कूल के संचालकों को उनकी जिम्मेदारी से एक बार फिर अवगत कराया गया। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन करने के लिए भी कहा गया। इसके बाद भी सुधार नजर नहीं आने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
निजी स्कूल तक बच्चों को पहुंचाने और लाने के लिए बस, वैन और ऑटो का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। बच्चों को गाइड लाइन के मुताबिक बिठाया नहीं जाता। ऑटो में अक्सर क्षमता से अधिक बच्चे बिठाए जाते हैं, इसके कारण दुर्घटना होने का अंदेशा हमेशा ही बना रहता है। वहीं बसों की अधिक रफ्तार होने पर भी हादसे के डर पूरे समय सताता है। अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी निशा चौहान ने सभी स्कूल संचालकों को सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन करने के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि बसों में ओवर लोडिंग को बर्दास्त नहीं किया जाएगा। गाइड लाइन का पालन नहीं होते नजर नहीं आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह है सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन
स्कूल वाहनों के आगे व पीछे बड़े अक्षरों में स्कूल बस लिखा हो। बस किराए की हैं तो उस पर आगे एवं पीछे विद्यालयीन सेवा (ऑन स्कूल ड्यूटी) लिखा जाए। विद्यालय के लिए उपयोग में लाई जाने वाली किसी भी बस में निर्धारित सीटों से अधिक संख्या में बच्चे नहीं बिठाएं। प्राथमिक उपचार बॉक्स होना अनिवार्य है। बस की खिड़कियों में आड़ी पट्टियां (हॉरीजेंटल ग्रिल) हो। अग्नशिमन यंत्र हो। स्कूल का नाम एवं टेलीफोन नंबर हो। बस के दरवाजे पर सुरक्षित चटकनी हो। वाहन चालक को भारी वाहन चलाने का न्यूनतम 5 वर्ष का अनुभव होना चाहिए। वाहन चालक पूर्व में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का दोषी नहीं ठहराया गया हो। बस में चालक के अलावा एक अन्य योग्य व्यक्ति की व्यवस्था हो। बच्चों के बस्ते रखने के लिए सीटों के नीचे जगह हो। बस में एक व्यक्ति एस्कॉर्ट तथा एक शिक्षक की व्यवस्था हो।