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मामला ग्राम पंचायत बिलावर कला का मेड बंधान में रोजगार सहायक द्वारा किया गया भ्रष्टाचार

जुन्नरदेव। वैसे तो ग्राम पंचायत बिलावर कला में रोजगार सहायक तथा सचिव द्वारा वर्षों से निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार किया जा रहा है जिसकी शिकायत लगातार ग्राम वासियों के द्वारा जनपद तथा एसडीएम तथा जिला अधिकारी को कर दी गई है लेकिन बिलावर कला पंचायत पर अधिकारियों की मेहरबानी होने के कारण ना तो रोजगार सहायक नाही सचिव पर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही जिसके चलते इस पंचायत के रोजगार सहायक तथा सचिव के हौसले और भी बुलंद होते जा रहे हैं।

ऐसा ही मामला मनरेगा के अंतर्गत सामने आया है जहां की रोजगार सहायक द्वारा मेड बंधान के नाम पर पैसों का आहरण कर दिया गया है लेकिन हितग्राही के खेत में आज तक मेड बंधान का कार्य नहीं किया गया जिसकी शिकायत लगातार हितग्राही द्वारा की जा रही है लेकिन रोजगार सहायक पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है। ग्रामवासी गंगसाह मर्सकोले ने बताया कि उनके खेत में मनरेगा के अंतर्गत मेड बंधान का कार्य किया जाना था जोकि जून-जुलाई में 4 से 5 सप्ताह कार्य चला और उसकी मजदूरी का भुगतान भी हो गया परंतु उसके बाद भी रोजगार सहायक के द्वारा फर्जी तरीके से मस्टररोल निकाला गया जिसमें कुल सौ मजदूर हैं एवं भुगतान राशि 114000 है इसमें कुल मजदूर पंचानवे ( 95 ) हैं जिसके भुगतान राशि 108000 ₹300 मौजूद है दोनों मस्टररोल की राशि को मिलाकर ₹222300 का फर्जी भुगतान रोजगार सहायक के द्वारा कराया गया जिसकी शिकायत लगातार की जा रही है इसके बावजूद भी कोई कार्यवाही ना हो पाना यह एक अनोखा विषय।

शिकायत के बाद रोजगार सहायक ने किया था इकरारनामा

शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि जब रोजगार सहायक की शिकायत जनपद में की गई थी उसके कुछ दिन बाद रोजगार सहायक द्वारा एक इकरारनामा बनाया गया था इकरारनामा के माध्यम से यह बताया गया था की शिकायतकर्ता के खेत में फसल होने के कारण मेड बंधान का कार्य नहीं किया गया था जिसके बाद फसल कटने के कुछ दिन बाद ही साढ़े 4 एकड़ में मेड बंधान का कार कराया जाएगा ऐसा ही कारनामा रोजगार सहायक द्वारा बनाया गया था जिसके बाद भी आज तक शिकायतकर्ता के यहां मेड बंधान का कार्य शुरू नहीं किया गया जिसकी दोबारा शिकायत शिकायतकर्ता ने अनुविभागीय दंडाधिकारी को की है।

पंचायत इंस्पेक्टर की हो सकती है मिलीभगत

वैसे तो बता दे जनपद जुन्नारदेव में किसी भी अधिकारी पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि यहां बैठे अधिकारी सिर्फ अपना स्वार्थ देखते हैं ऐसा ही कुछ दिनों पूर्व भी देखने को मिला था जहां सीईओ द्वारा कार्य के नाम पर चार लाख की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था ऐसा ही कुछ इस मामले में भी सामने आ रहा है वहीं सूत्रों की मानें तो पंचायत इंस्पेक्टर भी अपना सेटअप बनाने में लगे रहते हैं इस मामले में भी इकरारनामा जब कराया गया था इन अधिकारियों के द्वारा तब भी पंचायत स्पेक्टर द्वारा रोजगार सहायक से रिश्वत ली थी सूत्र बताते हैं कि जनपद पंचायत जुन्नारदेव में पंचायत इंस्पेक्टर के अलावा भी ऐसे कई बाबू हैं जो सिर्फ ग्राम की जनता की समस्या का समाधान तो नहीं करते पर अपनी जेबों को जरूर गर्म कर लेते हैं।

इस संबंध में जब पंचायत इंस्पेक्टर से उनका पक्ष रखना चाहा तो उनके द्वारा लगातार हमारा फोन नहीं उठाया गया।

इनका कहना है :-
मैं गया था, काम तो हुआ है, मगर फिर से शिकायत हुई है तो जांच करते हैं |वारु धुर्वे – अस्टिटेंट इंजीनियर

आपके दवारा मामला संज्ञान में आया है जल्द से जल्द जांच कर कार्रवाई की जायेगी |सीईओ :- रविकांत उईके – जनपद पंचायत जुन्नारदेव

 

By CCN

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