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हम सब एक ही परम पिता की संतान, जातिभेद परसंस्कृतियों के प्रभाव का परिणाम : विनायक राव जी 
छिंदवाड़ा ताजा खबर

हम सब एक ही परम पिता की संतान, जातिभेद परसंस्कृतियों के प्रभाव का परिणाम : विनायक राव जी 

CCN
Feb 28, 2022

विहिप सामाजिक समरसता संगोष्ठी में आदिवासी, रविदास, बाल्मीकि समाज समेत सभी वर्गों के प्रतिनिधियों ने लिया भाग

छिन्दवाड़ा ,CCN

छिन्दवाड़ा। विश्व हिंदू परिषद छिन्दवाड़ा द्वारा आयोजित “सामाजिक समरसता संगोष्ठी का आयोजन समाज के विभिन्न जाति-वर्गों के प्रतिनिधि एवं सामाजिक बंधुओं की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। संगोष्ठी के प्रारंभ में राम दरबार तथा भारत माता का पूजन मुख्य अतिथि के हाथों सम्पन्न हुआ, जिसके उपरांत विहिप-बजरंग दल के पदाधिकारियों द्वारा अतिथियों का स्वागत-सत्कार किया गया।

सामाजिक समरसता संगोष्ठी हेतु पधारे विहिप राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री विनायक राव जी ने अपने वक्तव्य में कहां कि हम सब एक ही परम पिता की संतानें हैं, हमारे समाज मे मौजूद जातिभेद अगल-अलग समय पर भारत में बाहर से पहुंची परसंस्कृतियों के प्रभाव है। हमारे वेदों में जातिभेद जैसी बातें नहीं है, बल्कि कर्म के आधर पर 4 वर्गों का जिक्र अवश्य मिलता है। पूर्व में कर्म के आधार पर ब्राह्मण का पुत्र शुद्र और शूद्र का पुत्र ब्राह्मण हो सकता था, लेकिन आज के आधुनिक समाज में जातिभेद और वर्गभेद ने हम सबके बीच गहरी खाई खोद दी है। जिसे पाटने का प्रयास ही सामाजिक समरसता है। उन्होंने कहाँ कि समाज में आज भी छुआछूत की समस्या मौजूद है। राजस्थान में शादी में इंजीनियर बेटे को घोड़े में नहीं बैठने नहीं दिया गया। हिन्दू धर्म में जितने संत हुए सभी ने छुआछूत का विरोध किया, लेकिन आज भी उनकी शिक्षाओं का अनुपालन हिन्दू धर्म नहीं करता है। जिससे देश में ये समस्या आज भी विद्यमान है। एक हज़ार साल पहले भंगी-चर्मकार जैसी जातियां होती ही नहीं थी, ये सब 200 साल पहले शुरू हुआ। क्योंकि मुश्लिम आक्रांताओं ने गुलाम हिंदुओं को निचले स्तर के काम करने को मजबूर किया, जिसके बाद इन जातियों का उदय हुआ। उन्होंने बताया कि हिन्दू समाज में बाल विवाह, महिलाओं का दोयम दर्जे का समझना जैसी बुराइयां कभी थी ही नहीं। परसंस्कृतियों के प्रभाव के चलते 10-12 साल के बच्चों का विवाह और महिलाओं को पर्दे में रखने की परंपरा का जन्म हुआ। जबकि हिन्दू धर्म में स्त्रियों को पढ़ने-लिखने, विदुषी बनने तक के अधिकार प्राप्त थे।

 

इस अवसर पर आदिवासी महासभा जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र शाह जी, रविदास समाज अध्यक्ष आरएल मडराह जी, बाल्मीकि समाज अध्यक्ष उदय गौहर बाल्मीकि जी, विहिप क्षेत्रीय समरसता प्रमुख राजकुमार सिंह, प्रान्त संगठन मंत्री सुरेंद्र सिंह जी, विभाग संगठन मंत्री अवधेश सिंह जी, विहिप जिलाध्यक्ष अरविंद प्रताप सिंह, जिला उपाध्यक्ष धूमराज पटेल जी, विहिप जिला मंत्री संतोष मिश्रा जी, विभाग मंत्री अजय बंदेवार जी, विभाग संयोजक प्रशान्त छोटू पाल जी समेत सैकड़ों की संख्या में संगठन पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता तथा सामाजिक बंधु उपस्थित थे।