स्थाई जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पटवारी के हस्ताक्षर कराने भटक रहे स्कूली बच्चे
जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता, पटवारी की मनमानी
छिंदवाड़ा । छिंदवाड़ा तहसील के विभिन्न हल्को में पटवारी अपने मुख्यालय पर नही मिलते है, जिससे आमजनता को परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टरों को निर्देश जारी कर चुके हैं, कि पटवारी साेमवार और गुरुवार काे अपने हल्का मुख्यालय पर रहकर राजस्व प्रकरण और जमीन से जुड़ी लाेगाें की समस्याएं हल करें। जबकि प्रशासनिक निर्देशों के बाद भी पटवारी का एक अनोखा रवैया ग्राम पंचायत उभेगांव से आया दरअसल यह पटवारियों का सही पता लगाना मुश्किल हो गया है। इतना ही नही कार्यालय पर अंकित नंबरो पर फोन लगाने पर भी पटवारी से मुलाकात नही होती कही उनके नंबर बंद है तो कही पुराने पटवारी के नाम-नंबर नही बदले गये, लिहाजा स्कूली बच्चों को स्थाई जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पटवारी के दस्तखत कराने पटवारी दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर है। इतना ही नहीं क्षेत्र कि आमजनता को भी राजस्व कार्यो के लिए भटकना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत उभेगांव में पदस्थ वर्तमान पटवारी विनोद उईके की लापरवाही का आलम यह हो चुका है, कि वह अफसरों के निर्देशो का भी पालन नही करता। ग्राम पंचायत उभेगांव में पटवारी सोबू चौरिया का तबादला हुआ महीनो गुजर चुके है, किंतु अब तक यहा पर पुराने पटवारी का नाम-नंबर तक नही बदला गया। जिससे यहा कि जनता भ्रमित हो रही है, यहा तक कि पटवारी दफ्तर में तालाबंदी होने पर स्थानिय लोगों द्वारा पटवारी विनोद उईके से दूरभाष पर सम्पर्क किया जाता है, तो पटवारी विनोद उईके द्वारा फोन तक रिसीव नहीं किया जाता। छिंदवाड़ा तहसील के जिम्मेदार अधिकारियों कि उदासीनता के चलते पटवारी विनोद उईके के हौंसले बुलंद नज़र आ रहे हैं। ग्रामीणों ने जिम्मेदार अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि जब से पटवारी विनोद उईके ने उभेगांव हल्का में जोइनिंग ली हैं तब से मुख्यालय पर बैठना तो दूर पटवारी कब हल्का में आते है और कब चले जाते है। यह किसी को तक नहीं पता पटवारी के आभाव से आमजनता के कामकाज प्रभावित हो रहे है।
उभेगांव के ग्रामीणों को नहीं पता कौन है, उनके हल्के का पटवारी
जब से उभेगांव हल्के में पदस्थ पटवारी सोबू चौरिया का तबादला हुए महीनो गुजर गये और नये पटवारी की पदस्थापना की जा चुकी है, लेकिन उभेगांव हल्के कि जनता को नही पता कौन है उनके हल्के का पटवारी जी हा यह सवाल जनता इसलिए पूछती है। वह जब भी राजस्व कामो को लेकर पटवारी कार्यालय आ रहे है उन्हें हमेशा दफ्तर मे ताला लटका मिला। यह सवाल तो लाजमी है, कि उन्होंने अब तक नये पटवारी का चेहरा तक नही देखा।
इनका कहना हैं …...
प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा ग्राम स्वराज अभियान के तहत किसानों की मांग पर ग्राम में ही पटवारियों की सुविधा देने की घोषणा की गई थी। जिसके तहत पटवारियों को सप्ताह में 2 दिन ग्राम पंचायत मुख्यालय में बैठने का आदेश भी जारी किया गया। इसके बावजूद पटवारी अपने मुख्यालय तक में नियमित नहीं बैठ रहे हैं। पटवारी से जब दूरभाष पर बात कि जाती है, तो पटवारी विनोद उईके द्वारा हफ्ते में एक दिन केवल शुक्रवार को ही दफ्तर में बैठने कि बात करता है। जिससे छोटे-छोटे कार्यों के लिए उभेगांव सहित आस-पास के ग्रामीणों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।…..पंचम अमरोदे